Facts About Shodashi Revealed
Wiki Article
॥ अथ श्रीत्रिपुरसुन्दरीचक्रराज स्तोत्रं ॥
सा नित्यं रोगशान्त्यै प्रभवतु ललिताधीश्वरी चित्प्रकाशा ॥८॥
सानन्दं ध्यानयोगाद्विसगुणसद्दशी दृश्यते चित्तमध्ये ।
सर्वानन्द-मयेन मध्य-विलसच्छ्री-विनदुनाऽलङ्कृतम् ।
In the event the Devi (the Goddess) is worshipped in Shreecharka, it is alleged to become the best sort of worship in the goddess. There are actually sixty four Charkas that Lord Shiva gave on the humans, in conjunction with distinct Mantras and Tantras. These were given so the people could focus on attaining spiritual Added benefits.
The Saptamatrika worship is particularly emphasized for anyone seeking powers of Handle and rule, together with for people aspiring to spiritual liberation.
पुष्पाधिवास विधि – प्राण प्रतिष्ठा विधि
Worshipping Goddess Shodashi is not only about in search of materials Gains but additionally in regards to the interior transformation and realization in the self.
देवस्नपनं मध्यवेदी – प्राण प्रतिष्ठा विधि
Her magnificence can be a gateway to spiritual awakening, making her an object of meditation and veneration for all those trying to get to transcend worldly desires.
श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥७॥
Disregarding all caution, she went into the ceremony and found her father had begun the ceremony with no her.
ज्योत्स्नाशुद्धावदाता शशिशिशुमुकुटालङ्कृता ब्रह्मपत्नी ।
यह साधना करने वाला व्यक्ति स्वयं कामदेव के समान हो जाता है और वह साधारण व्यक्ति न रहकर लक्ष्मीवान्, पुत्रवान व स्त्रीप्रिय होता है। उसे वशीकरण की विशेष शक्ति प्राप्त होती है, उसके अंदर एक विशेष आत्मशक्ति का विकास होता है और उसके जीवन के पाप शान्त होते है। जिस प्रकार अग्नि में कपूर तत्काल भस्म हो जाता है, उसी प्रकार महात्रिपुर सुन्दरी की साधना करने से व्यक्ति के पापों का क्षय हो जाता है, वाणी की सिद्धि प्राप्त होती है और उसे समस्त शक्तियों के स्वामी की स्थिति प्राप्त होती website है और व्यक्ति इस जीवन में ही मनुष्यत्व से देवत्व की ओर परिवर्तित होने की प्रक्रिया प्रारम्भ कर लेता है।